Considerations To Know About Shiv Chalisa
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लै त्रिशूल शत्रुन को मारो । संकट से मोहि आन उबारो ॥
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।
त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा । तन नहीं ताके रहे कलेशा ॥
सोमवार – जिस भी क्षेत्र में आप कार्य करते हैं, आपको जल्दी सफलता मिलती है.
शबरी सँवारे रास्ता आएंगे राम जी - राम भजन
धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥
त्रिपुरासुरेण सह युद्धं प्रारब्धम् ।
कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
सब सुख लहै तुम्हारी सरना। तुम रच्छक काहू को डर ना।।
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥
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कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी । करत सदा शत्रुन क्षयकारी ॥
त्रयोदशी व्रत करै हमेशा। ताके तन नहीं रहै कलेशा॥